आज का दिन
भी व्यस्तताओं से भरा रहा। एक
तरफ़ सर्विस इंडस्ट्री में टेक्नोलॉजीज को लेकर अदान प्रदान पर सहमती बनी। तो दूसरी ओर हेंडीक्राफ्ट बिजनेस को आम जनमानस तक पहुँचाने की रूप रेखा तैयार की गई। अगर इंडोनेशियन मार्केट की बात की जाए तो भारत की तुलना में टेक्नॉलजी के मामले में स्लो है । पर सबसे अच्छी बात ये है कि यहाँ व्यवसाय में महिलाओं
और पुरुषों की भागीदारी बराबर दिखती है और हर दूसरी महिला यहाँ हमें बिजनेस लेडी के
रूप में मिलेगी। यही ये कारण है कि इंडोनेशिया
व्यावसायिक रूप में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। यहां भी भारत की तरह हेंडीक्राफ्ट
बिजनेस में असीम संभावनाएं हैं पर जगरूकता की कमी आम ग्राहकों में पाई जाती है। इंडोनेशिया सरकार ने
भरपूर प्रयास किया कि हथकरघा उद्योग को आगे बढ़ाया जाए पर यह सफल तब तक नही हो सकता,
जब तक की आम लोग घर में बने हुए प्रॉडक्ट्स को अपनाये। इन सबको देखने और समझने के बाद
यहाँ की लोकल टीम के साथ मिलकर जनजागरुकता अभियान चलाने पर सहमती बनी है। स्वदेशी का
क्रेज़ यहाँ न के बराबर है। वही हमारे भारत में सभी की भावनायें स्वदेशी से जड़ी हैं।
जिसका भरपूर फ़ायदा स्वदेशी कम्पनियों ने उठाया है। हमने यहाँ भी प्रयास करना शुरू किया
है कि स्वदेशी का खूब प्रचार-प्रसार किया जाए जिसके माध्यम से हेंडीक्राफ्ट व इंडियन
मार्केट को यहाँ भी अच्छी जगह मिल सके। प्रयास बिना सफलता सम्भव नही। इसलिए आज रीसर्च
टेक्नॉलोजी मार्किट के रुझान पर ध्यान से अध्ययन किया गया। ‘’पीयूष ग्रूप’’ हमेशा सामाजिक स्थिति के अनुसार मार्केट
में उतरता है। जैसे भारत में हमने व्यवसाय के साथ सामाजिक मुद्दों को भी महत्व दिया
है उसी प्रकार हम इंडोनेशिया में भी सामाजिक मुद्दों के साथ पैर जमाने का प्रयास कर
रहे हैं। एक तरफ़ हमारा ध्यान होटेल और रेस्टोरेंट पर केंद्रित है। तो अब ख़ुद को एवं इंडोनेशिया को भी टेक्नोलॉजीज के साथ लाने की तैयारी में हैं। आज दिन भर हमने बारीकी से बाज़ार को समझने का प्रयास किया है। कल हम अपने कार्य का विवरण आप सभी के समक्ष रखेंगे।
आपका पीयूष पंडित इंडोनेशिया से.....
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